साल दर साल को अगर इतिहास के पन्नों में समेट लिया जाए और फिर इसे पलट कर देखा जाए तो 2023 को हम आम आदमी के लिए पीएम मोदी की गारंटी वाले अध्याय के तौर पर याद रखेंगे. हालांकि लोकतंत्र में लोगों की मुहर सबसे ज्यादा मायने रखती है और हालिया विधानसभा चुनावों में मोदी की गारंटी के नारे के साथ बीजेपी ने चुनाव लड़ा था और इसमें पार्टी को तीन राज्यों में सफलता मिली. इसके साथ ही साथ अगर विभिन्न क्षेत्रों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाए तो इससे पता चलता है कि हालिया विधानसभा चुनावों में जनता ने मोदी की गारंटी पर जो मुहर लगाई थी उसकी पृष्ठभूमि में उनके द्वारा किए गए कई कामकाज हैं.
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के कामकाज काम मुख्य लक्ष्य सुशासन पारदर्शिता और सेवा मानते हैं. पीएम मोदी के इस सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से मिल रहा है. पीएम मोदी जहां डीबीटी के माध्यम से लक्षित समूह तक बिना किसी अवरोध के ऑन टाइम सहायता मुहैया कराते हैं. वही डिजिटल ट्रांजेक्शन भी देशवासियों के लिए एक सरल सुगम और पारदर्शी माध्यम साबित हो रहा है. अगस्त की तुलना में सितंबर में मूल्य के संर्दभ में यूपीआई में इजाफा हुआ. यह भुगतान अगस्त में 15.74 लाख करोड़ रुपये था और यह सितंबर में 0.3 प्रतिशत बढ़कर 15.8 लाख करोड़ रुपये हो गया. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2022 की तुलना में इस सितंबर में भुगतान की संख्या में 56 प्रतिशत और मूल्य के संदर्भ में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एनपीसीआई ने सितंबर, 2022 में 6.7808 अरब लेनदेन का प्रसंस्करण किया था और इनका मूल्य 11.16 लाख करोड़ रुपये था.
स्वच्छता अभियान में लोगों ने दिखाई सहभागिता
पीएम मोदी ने अपने मासिक रोडियो कार्यक्रम मन की बात के 105वें एपिसोड में 24 सितंबर 23 को 1 अक्टूबर 2023 को सुबह 10 बजे ‘एक तारीख, एक घंटा, एक साथ’ स्वच्छता की अपील की. पीएम मोदी द्वारा किए गए आह्वान का व्यापक असर दिखा. स्वच्छता स्वैच्छिकवाद ने 1 अक्टूबर 2023 को एक नया रिकॉर्ड बनाया. इस मेगा स्वच्छता अभियान का स्वामित्व और नेतृत्व भारत के नागरिकों के पास था. स्वच्छ भारत मिशन ने पूरे देश में 9 लाख स्थलों पर श्रमदान करने के लिए 8.75 करोड़ लोगों को एक साथ लाया.
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बेरोजगारी दर में आ रही कमी
पीएम मोदी की विभिन्न योजनाओं का असर दिख रोजगार क्षेत्र में भी रहा है. NSO के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में शहरी बेरोजगारी की दर घट रही है. NSO के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर में लगातार कमी आ रही. अप्रैल -जून 2022 के आंकड़ों के अनुसार 7.6 फीसदी बेरोजगारी की दर थी जो कि जुलाई – सितंबर 2022 में 7.2 फीसदी हो गई , अक्टूबर – दिसंबर 2022 में 7.2 फीसदी , जनवरी – मार्च में 6.8 फीसदी और अप्रैल – जून 2023 में 6.6 फीसदी रह गई है. अगर राज्य भर शहरी बेरोजगारी की बात की जाए तो हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और केरल में शहरी बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है जबकि दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और हरियाणा में यह दर राष्ट्रीय औसत से कम है.
पहाड़ों के दुर्गम रास्तों को मोदी सरकार ने बनाया आसान
उत्तराखंड के चार धाम यात्रा की बात करें तो इसके लिए पीएम मोदी ने न सिर्फ चार धाम यात्रा से जुड़े मंदिर परिसरों को सुसज्जित करने का काम किया बल्कि यात्रा को सुगम बनाने के लिए इससे जुड़ी सभी सड़कों को बेहतर बनाया. पीएम मोदी के विजन का ही परिणाम है कि उत्तराखंड में चार धाम से जुड़ी सड़के ऑल वेदर रोड बन गई है. यह कम इस पृष्ठभूमि में भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि यह रास्ते दुर्गम पहाड़ियों से होकर गुजरती है. इसके साथ ही साथ उत्तराखंड में आई भीषण तबाही के बाद यहां पुनर्निर्माण का काम किया.
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50 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं चार धाम यात्रा
इसी का परिणाम है कि आज चार धाम यात्रा को समाप्त होने में लगभग 1 महीने का समय है और अभी तक इतिहास में पहली बार 50 लाख से अधिक श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हो चुके हैं. इस यात्रा में 5 लाख से अधिक वाहनों से श्रद्धालुओं ने इस यात्रा को पूरा किया. मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल में जब से यह यात्रा शुरू हुई है उसके बाद से 17. 08 लाख श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम की यात्रा की, 15.90 लाख श्रद्धालुओं ने बद्री धाम की यात्रा की, 8.46 लाख श्रद्धालुओं ने गंगोत्री की यात्रा की और 6.94 लाख श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री की यात्रा की और वहां के दर्शन किए.
किसानों को मिल रही है फसलों की सही कीमत
पीएम मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने को लेकर के अपनी प्रतिबद्धता जताई है और इसको लेकर लगातार भी काम कर रहे हैं. किसानों की आय में बढ़ोतरी और देश में अनाज के उत्पादन को लेकर के पीएम मोदी की प्रतिबद्धता दिख भी रही है. पिछले आठ साल में अनाज की पैदावार में 31 फीसद बढ़ोतरी हुई है. 2014 से अनाज की पैदावार 251.54 मिलियन टन से बढ़कर 330.54 मिलियन टन पहुंच गई है. इसके साथ-साथ दलहन की पैदावार 27.5 मिलियन टन और तिलहन की 41 मिलियन टन पहुंच गई है. अनाज को लेकर भारत की विदेशों से आयात पर निर्भरता घटी है. इसको लेकर लगातार प्रयास भी किया जा रहा है. हालिया कैबिनेट की बैठक में रबी की 6 फसलों की एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया गया. इसके तहत तिलहन और सरसों में 200 रुपये, मसूर के लिए 425 रुपये, गेहूं के लिए 150 रुपये, जौ के लिए 115 रुपये, चने के लिए 105 रुपये और सनफ्लावर के लिए भी 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2014 में जो कि 1400 रुपया प्रति क्विंटल था वह बढ़ कर 2275 रुपया प्रति क्विंटल हो गया. इसके साथ ही साथ जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य इसी दौरान 1100 रुपया से 1850 रुपये हो गया. वही चने की एमएसपी 3100 रुपये से 5440 रुपये हो गई. मसूर दाल 2950 रुपये से 6425 रुपये, सूरजमुखी 3000 रुपये से 5800 रुपये जबकि तिलहन और सरसों की कीमत 3060 रुपये से 5650 रुपये प्रति क्विंटल हो गई.
रेल सुविधाएं हो रहीं विश्वस्तरीय
पीएम मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो संकल्प लिया है उसमें आधारभूत संरचना का विकास एक महत्वपूर्ण और आवश्यक घटक है. आधारभूत संरचना के विकास को लेकर देशभर में सड़कों का जाल, बंदरगाहों का विकास और रेल व हवाई नेटवर्क का विकास किया जा रहा है. अगर रेलवे के विकास की बात करें तो इसके लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक बड़ी रणनीति अपनाई है. रेलवे में पीपीपी मॉडल पर विकास की संकल्पना के साथ रेलवे में स्वदेशी का तत्व भी डाला जा रहा है. रेल में इसके अंतर्गत निजी क्षेत्र से 30,000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही साथ राष्ट्रीय रेल योजना के तहत 2030 तक रेलवे से संबंधित बुनियादी ढांचे को विकसित करने की भी योजना बन रही है.
विश्व स्तरीय बनाने पर जोर
पीएम मोदी रेलवे का स्वदेशी और मजबूत नेटवर्क बनाने के साथ ही यात्री सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं. भारतीय रेलवे की स्थापना की लगभग पौने 200 साल हो गए हैं और पीएम मोदी का विजन है कि भारतीय रेलवे में सुविधा विश्व स्तरीय और कई मायनों में यह विश्व में सर्वश्रेष्ठ हो जाए. इसके लिए भारत में पीएम मोदी ने तीन क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. इसके तहत पूरे देश में स्वदेशी विकसित वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही हैं, जिसमें विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं का ख्याल रखा गया है. इस ट्रेन को बनाते समय यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया गया है.
रेलवे स्टेशनों पर भी ध्यान
साथ ही साथ पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के रेलवे स्टेशनों को अत्यधिक तौर पर विकसित किया जा रहा है. इसी के तहत अमृत भारत स्टेशन की संकल्पना बनाई गई है. इस संकल्पना के तहत देश के विभिन्न स्टेशनों को विश्व स्तरीय मानकों पर बनाया जा रहा है. इसके साथ ही साथ भारत में पहले रैपिड रेल नेटवर्क जिसमें नमो भारत ट्रेन चलाई जा रही है. यात्री सुविधा के लिए यह एक क्रांतिकारी पहल है. नमो भारत ट्रेन में यात्री सुविधा के साथ-साथ यात्रियों के समय की भी बचत और हाई स्पीड रैपिड रेल नेटवर्क बनाने की संकल्पना की गई है. जिसके एक हिस्से को हाल ही में पीएम मोदी ने मूर्त रूप देते हुए राष्ट्र को समर्पित किया.
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FIRST PUBLISHED : January 5, 2024, 11:04 IST






